अगर जमीन होगी, तो कोई भी छीन लेगा. पैसा होगा, कोई भी लूट लेगा.. लेकिन अगर पढ़ा-लिखा होगा, तो कोई भी तुझसे कुछ नहीं छीन पाएगा.. अगर अन्याय से जीतना है तो पढ़. पढ़-लिखकर एक ताकतवर इंसान बन. नफ़रत हमें तोड़ती है, प्यार जोड़ता है. हम एक ही मिट्टी के बने हैं, लेकिन जातिवाद ने अलग कर दिया, हम सबको इस सोच से उबरना होगा…
Who is Dalit Actor Dhanush : आज हिंदी सिनेमा जगत में साउथ की रिमेक फिल्मों की धूम मची हुई है। उसी तरह आज हिंदी सिनेमा में साउथ के अभिनेता भी अपने अभिनय से काफी चर्चित हो रहे हैं और अपने दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं। एक ऐसे ही साउथ के दलित अभिनेता “वेंकटेश प्रभु कस्तूरी राजा” जिन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय से धूम मचा रखी है, जिन्हें आज सिनेमा जगत में “धनुष” के नाम से जाना जाता है।
व्यक्तिगत जानकारी
एक्टर धनुष अनुसूचित जाति (SC) जाति से संबंध रखते हैं। अपने करियर में धनुष ने एक्टिंग के अलावा गायक, निर्देशक, निर्माता, गीतकार, पार्श्व गायक और तमिल सिनेमा में अभिनेता की भूमिका निभाई है। धनुष का जन्म 28 जुलाई 1983 को मद्रास तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम कस्तूरी राजा है जो तमिल फिल्म निर्देशक और निर्माता है। इनकी माता का नाम विजयलक्ष्मी है। धनुष के भाई का नाम सेल्वाराघवन है जो एक निर्देशक हैं। धनुष की दो बहने भी हैं जिनका नाम विमलगीथा और कार्थिगा कार्तिक है। धनुष की शादी सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या से हुई इनके दो बच्चें भी हैं जिनका नाम यात्रा और लिंगा है।
शेफ बनना चाहते थे
ऐसा कहा जाता है कि धनुष एक्टर नहीं बनना चाहते थे उनका सपना होटल मैनेजमेंट करके शेफ बनना था लेकिन उनके भाई ने उन्हें एक्टर बनने के लिए प्रेरित किया था। “वेंकटेश प्रभु कस्तूरी राजा” ने अपना धनुष नाम 1995 की फिल्म “कुरुथिपुनल” से प्रेरित होकर रखा था। धनुष ने सिनेमा में अपने कैरियर की शुरुआत साल 2002 में अपने पिता द्वारा निर्देशित फिल्म “थुल्लुवाधो इलामाई” से की थी। साल 2003 में धनुष ने अपने भाई सेल्वाराघवन द्वारा निर्देशित फिल्म “काधल कोंडेइन” में काम किया था। इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया था जिसकी वजह से एक बड़ी व्यावसायिक सफ़लता हासिल हुई थी। इस फ़िल्म के बाद धनुष को तमिल सिनेमा में सफ़लता हासिल हुई थी। “काधल कोंडेइन” फिल्म ने धनुष को सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए पहला नामांकन भी दिलवाया। इसके बाद धनुष ने अनेक फिल्मों में काम किया।
“कुंदन” के किरदार से हिंदी फिल्मों में पहचान
तमिल फिल्मों के अलावा हिंदी फिल्मों में भी धनुष ने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा था। हिंदी सिनेमा में धनुष ने “रांझणा” फिल्म से शुरुआत की थी। रांझणा फिल्म में धनुष ने कुंदन का किरदार निभाया था और इस किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। इस फिल्म में धनुष ने कुंदन के किरदार से सभी का मनोरंजन किया और लोगों को भावुक भी कर दिया था। रांझणा फिल्म से एक बार फिर धनुष सभी के दिलों पर छा गए थे।
“वाय दिस कोलावेरी डी” से अंतर्राष्ट्रीय पहचान
एक गायक के तौर पर भी धनुष ने लोगों के दिलों में जगह बना ली थी। धनुष को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान तब मिली जब उनका गाया हुआ गाना “वाय दिस कोलावेरी डी” यूट्यूब पर छा गया था। इस गाने ने सभी का मनोरंजन किया था बच्चे हो या बड़े हर किसी की जुबान पर ये गाना चढ़ा हुआ था और इस गाने के बाद ज़्यादातर लोग उन्हें जानने लगे थे। धनुष को साल 2019 की तमिल फिल्म “असुरन” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए 67वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अपनी फिल्मों के ज़रिये दलितों के मुद्दों को उठाया
आपको बता दें कि एक्टर धनुष दलित समुदाय से आते हैं अपनी फिल्मों के ज़रिये उन्होंने दलितों के मुद्दों को भी उठाया है। “असुरन” फिल्म में धनुष ने अभिनय किया था इस फिल्म के अंतिम सीन में फिल्म का नायक धनुष अपने बेटे से कहते हैं कि “अगर जमीन होगी, तो कोई भी छीन लेगा. पैसा होगा, कोई भी लूट लेगा.. लेकिन अगर पढ़ा-लिखा होगा, तो कोई भी तुझसे कुछ नहीं छीन पाएगा.. अगर अन्याय से जीतना है तो पढ़. पढ़-लिखकर एक ताकतवर इंसान बन. नफ़रत हमें तोड़ती है, प्यार जोड़ता है. हम एक ही मिट्टी के बने हैं, लेकिन जातिवाद ने अलग कर दिया। हम सबको इस सोच से उबरना होगा”. इस फिल्म में छोटी छोटी बात पर दलितों के साथ होने वाले उत्पीड़न को दिखाया गया है जैसे किस तरह एक दलित लड़की का सिर्फ चप्पल पहन लेने से गांव के कथित ऊंची जात वालों को इतना चुभता है कि उसके सिर पर वही चप्पल रखवाकर उसे पीटते हुए ले जाया जाता है। इस फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि जब दलित अपनी जमीन के लिए आंदोलन करते हैं ते कैसे ऊंची जाति के लोग उनके घरों को जला देते हें।
“समाज सेवक” के रुप में धनुष
ऐसा कहा जाता है कि धनुष ने साल 2015 में दक्षिण भारत में बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों को 5 लाख रुपये दान दिया था। आत्महत्या करने वाले 125 किसानों के परिवार को 50,000 रुपये की सहायता की थी। अगस्त 2013 में धनुष को पर्फ़ेटी इंडिया लिमिटेड ने सेंटर फ्रेश च्यूइंगम के लिए अपना ब्रांड एंबेसडर के रुप में घोषित किया था। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने साल 2012 में अर्थ आवर का समर्थन करने के लिए WWF INDIA के साथ काम किया था।