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शंभू और खनौनी बार्डर पर डटे हैं किसान

February 28, 2024 | By Krishna Kant
शंभू और खनौनी बार्डर पर डटे हैं किसान

दिल्ली बॉर्डर पर 21 फरवरी को हुई किसान की बॉर्डर पार करने की कोशिश और पुलिस कर्मी दवारा आंसू गैस और बुलेट फायरिंग की घटना के बाद पंजाब के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की अपनी मांग को लेकर शंभू और खनौनी बार्डर से दिल्ली जाने के लिए डटे हुए हैं।

21 फरवरी को किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाई गई थीl किसान अपनी मांग को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसानों ने जबाब में स्पेशल मास्क, गीली बोरियां और चश्मे पहने और साउंड कैनन से निपटने के लिए किसान स्पेशल ईयर बडस इस्तेमाल करते दिखे। आंदोलनकारी किसानों में एक की गोली लग कर मौत हो गईl

आंदोलन की अगुआई किसान मजदूर मोर्चा कर रहा है।  टोहाना बार्डर पर तैनात एक एसआई विजय कुमार की तबीयत बिगड़ने पर डाक्टरों के पास ले गए। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया।

किसानों की योजना यह है कि शंभू व खनौनी बार्डर पर दो हजार ट्रैक्टर ट्रालियां और बेरिकेड्स तोड़ने के लिए जेसीबी व हाइड्रा व पोकलेन मशीन मंगाई हैं। आंसू गैस से निपटने के लिए ट्रैक्टर ट्राली में पानी की टंकियां रखे हैं। पतंगबाजी में माहिर युवा ड्रोन से निपटेंगे। पुलिस की ओर से खोदे गए गड्ढे को भरकर ट्रैक्टर निकालने के लिए युवा मिट्टी के कट्टे तैयार कर रहे हैं। महिला ब्रिगेड भी बार्डर पर तैयार है। उधर प्रशासन की ओर से अंबाला कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद में इंटरनेट और बल्क में एसएमएस सेवाओं पर 21 तक रोक लगा दी गई है। पंजाब के डीजीपी का आदेश है कि शंभू व खनौरी बार्डर की ओर जाने वाले कवच प्लेटेड पोकलेन, जेसीबी व हाइड्रा रिपर्स को रोका जाए। हरियाणा पुलिस ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखा है कि महिला, बच्चों और बुजुर्गों को आगे किया जा सकता है। इन्हें एक किलोमीटर पहले ही रोका जाए।

सरकार की ओर से किसानों के लिए पांच फसल मक्का, कपास, मसूर, अरहर, उड़द पर एमएसपी का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए नैफेड, एनसीसीएफ से पांच साल खरीद का कांट्रेक्ट होगा। साथ ही किसानों को सरकारी कर्ज माफी पर विचार का भरोसा दिया है। किसान सरकार से 23 फसलों पर एमएसपी के गारंटी कानून का अध्यादेश, प्राइवेट एजेंसी कंपनी एमएसपी रेट से कम में फसल न खरीद पाए और सी टू प्लस 50 , गन्ने और सीटू पल्स 100 और संपूर्ण कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं।

जामिया मिल्लिया में कुलपति पद के लिए एएमयू के कार्यवाहक कुलपति व उनकी पत्नी भी दावेदार

February 28, 2024 | By Krishna Kant
जामिया मिल्लिया में कुलपति पद के लिए एएमयू के कार्यवाहक कुलपति व उनकी पत्नी भी दावेदार

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली में कुलपति पद के लिए 29 लोगों के नाम साक्षात्कार के लिए चुने गए हैं। सर्च कमेटी एक-एक आवेदक का साक्षात्कार लेकर प्रक्रिया पूरी करेगी। साक्षात्कार के लिए अलग-अलग ई मेल भेजे गए हैं। उन्हें अलग-अलग तिथियों में बुलाया गया है। उसमें से तीन या पांच नाम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजे जाएंगे। यहां से अंतिम स्वीकृति के लिए विजिटर यानी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के पास नाम जाएंगे। पूरे देश से 143 शिक्षकों ने आवेदन किए थे। उनमें एएमयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज व उनकी पत्नी प्रो. नईमा गुलरेज सहित 20 से अधिक लोग शामिल हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2023 में जामिया मिलिया में कुलपति पद के लिए नाम मांगे थे। पूरे देश से 143 शिक्षकों ने आवेदन किए हैं। एएमयू से दावेदारी करने वालों में प्रो. अंजुम परवेज, काजी अहसान अली, प्रो. सरताज तबस्सुम, प्रो. असद उल्लाह खान, प्रो. नफीस अहमद खान, प्रो. सीमा हकीम, प्रो. मोहम्मद गुलरेज, प्रो. नजमुल इस्लाम, प्रो. नईमा खातून, प्रो. मुजाहिद बेग, प्रो. मोहम्मद रिजवान खान, प्रो. मोहम्मद जफर महफूज नोमानी, प्रो. अब्दुल अलीम और प्रो. कमरुल हसन अंसारी आदि का नाम शामिल है। जामिया मिलिया में कुलपति की नियुक्ति सर्च कमेटी के माध्यम से होती है। सर्च कमेटी शार्ट लिस्ट होने के बाद दावेदारों के साक्षात्कार लेती है। सर्च कमेटी में एएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. तारिक मंसूर भी शामिल हैं। प्रो. तारिक मंसूर एमएलसी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।

एएमयू में कुलपति की नियुक्ति फ़िर tली

February 28, 2024 | By Krishna Kant
एएमयू में कुलपति की नियुक्ति फ़िर tली

एएमयू में कुलपति पद के पैनल में तीन नाम भेजे गए हैं। इसमें प्रो. एमयू रब्बानी, प्रो. फैजान मुस्तफा और प्रो. नईमा खातून का नाम है। सबसे अधिक प्रो. एमयू रब्बानी को 61 वोट, दूसरे नंबर प्रो. फैजान मुस्तफा को 53 और तीसरे नंबर प्रो. नईमा खातून को 50 वोट मिले हैं। ये नाम नवंबर 2023 में भेजे जा चुके हैं। अभी तक कुलपति पद के लिए इन पर मुहर नहीं लगी है। प्रो. रब्बानी एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज में कार्डियोलाजी विभाग के चेयरमैन भी रह चुके हैं। प्रो. फैजान मुस्तफा विधि विभाग के प्रोफेसर रहे हैं। जबकि प्रो. नईमा खातून वर्तमान में एएमयू के वीमेंस कालेज की प्रिंसिपल हैं।

कोर्ट में भी चल रहा है विवाद

एएमयू कुलपति के पैनल के लिए हुई ईसी और कोर्ट की बैठकों की अध्यक्षता कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने की थी। कुलपति पद के लिए प्रो. नईमा खातून ने भी दावेदारी की थी। प्रो. नईमा खातून कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज की पत्नी भी हैं। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए दोनों बैठकों में पैनल के लिए वोट भी डाला था और अपनी उपस्थिति में पैनल भी बनवाया। इस पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थीं। इस पर अंतिम सुनवाई 18 मार्च को होनी हैं। कोर्ट ने मामला लंबित होते हुए विजिटर यानी राष्ट्रपति को विवेकाधिकार के तहत कुलपति नियुक्ति करने के भी निर्देश दिए हैं, लेकिन कुलपति की नियुक्ति होने पर हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी रहेगा।