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श्री वी. के. चेरियन

March 02, 2024 | By Maati Maajra
श्री वी. के. चेरियन

विगत 43 वर्षों से दिल्ली में कार्यरत बतौर मीडियाकर्मी श्री वी.के. चेरियन ने काॅर्पोरेट / दूरसंचार संबंधी समाचारों की रिपोर्टिंग के साथ-साथ उन क्षेत्रों के सार्वजनिक एवं निजी उपक्रमों में अहम् पदों पर दो दशकों तक काम किया । सन् 1980 के दशक में, श्री चेरियन ने दिल्ली- स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान एवं बर्लिन-स्थित आईजेआईडब्लू से पत्रकारिता-संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त किया। भारत में दूरसंचार / डिजिटल रिपोर्टिंग की शुरुआत का श्रेय श्री चेरियन को जाता है ।

उन्होंने मुख्यधारा के अंग्रेजी समाचारपत्रों मसलन ; “डेक्कन क्रॉनिकल” , “अमृत बाजार पत्रिका” एवं “फाइनानसियल एक्सप्रेस”इत्यादि। उन्होंने दिल्ली में समाचारपत्र “हिंदू बिजनेस लाइन” की शुरुआती संपादकीय टीम के सदस्य के रूप में संपादकीय सार्थकता को मजबूती प्रदान किया । वे दूरसंचार- संबंधी महत्त्वपूर्ण पत्रिका “टेलिमैटिक्स इंडिया” और जैन टीवी द्वारा प्रकाशित पत्रिका “आईटी न्यूज” के बतौर संपादक के रूप में कार्यरत रहे हैं।

श्री चेरियन दूरसंचार-सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित मुद्दों के विशेषज्ञ है। उन्होंने निजी क्षेत्र के दूरसंचार कंपनियों जैसे; वोडाफोन, आईडिया, एमटीएस, बीएसएनएल एवं सीओएआई (दूरसंचार उद्योगों के एसोसियेशन) के लिए बतौर सार्वजनिक मामलों के अधिकारी के रूप में काम किया है ।

उनके लेखकीय योगदान के रूप में छह पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं । वर्तमान में, वे स्तंभकार, डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता, यूट्यूब निर्माता तथा टेक-मीडिया/ डिजिटल कंसल्टेंट के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं।

विवरण: http://www.vkcherian.in/

श्रीमती बिन्नी यादव

March 02, 2024 | By Maati Maajra
श्रीमती बिन्नी यादव

पत्रकार, फिल्म निर्माता एवं मीडिया अकादमिक, जाहिर तौर पर बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्रीमती बिन्नी यादव ने भारत एवं दक्षिण एशिया क्षेत्रों में करीब 20 वर्षों से राजनीति, पर्यावरण कानून, सामाजिक मुद्दों को वैचारिक कसौटी पर परीक्षण करते हुए तथा उन मुद्दों पर गहन रिपोर्टिंग की है ।

श्रीमती  यादव पत्रकारिता के उस कालखंड से ताल्लुक रखती है जब पत्रकारिता के क्षेत्र में तकनीकियों का द्रूतगामी परिवर्तन हो रहा था तथा उन परिवर्तनों के माध्यम से पत्रकारों को विभिन्न माध्यमों में कार्य करने का अवसर प्राप्त हो रहा था । मसलन; ब्रोडशिट समाचारपत्रों के शोरगुल वाले समाचार कक्षों से मैग्ज़ीनों के चमकते कागजों पर लेखों का प्रकाशन होना तथा समाचार कक्षों में कम्प्यूटर का आना एवं टेलीविजन रिपोर्टिंग एवं एंकरिंग की शुरुआत, नए तकनीकों के माध्यम से समाचार का प्रकाशित होना एवं डिजिटल मीडिया के माध्यम से रिपोर्टिंग की शुरुआत। कहना गलत न होगा,पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रत्येक नया कदम चुनौती से भरा था। लेकिन इसे ही न्यूज मीडिया में काम करने का पर्याय है।

श्रीमती यादव के अनुसार उनके शुरुआती  प्रशिक्षण के दौर में, उन्हें फिरोजाबाद दंगो के पश्चात बच्चों और महिलाओं पर क्या गुजरी, इस विषय पर एक समावेशी फीचर लेखन का कार्य सौंपा गया । महिलाओं और बच्चों की उत्पीड़न एवं व्यथा का खुद अनुभव करते हुए श्रीमती यादव ने पत्रकारिता के इस यात्रा में अपने लिए एक नई भूमिका और दिशा इज़ाद किया। राजनीति, कानून, स्वास्थ्य एवं दक्षिण एशिया मामलों जैसै मुद्दों की रिपोर्टिंग एवं लेखन कार्य के दौरान, उन्हें जिस भावना से ज्यादा प्रेरणा मिली वह था मानव जीवन की चुनौतियाँ और उनकी जटिलताओं को सार्वजनिक पटल पर रखना।

अपने प्रोफेशनल करियर में, उन्हें फील्ड रिपोर्टिंग,समाचार-सृजन कार्य, डिजिटल न्यूज के विभिन्न आयामों पर कार्य करने का तथा डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण करने का भी अवसर प्राप्त हुआ।

श्रीमती यादव की अभिरुचि ,मानव हित से जुड़ी कहानियों , कानूनी-सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों , प्रवास, भौगोलिक राजनीति एवं पर्यावरण जैसे विषयों में रही है।

श्रीमती यादव ने अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सम्मेलनों एवं कार्यशालाओं में बतौर  प्रस्तुतकर्ता अपना योगदान दिया है। इतना ही नहीं, वे दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों में स्थित कई मीडिया स्कूलों में फिल्म निर्माण-कार्य, स्क्रिप्ट लेखन-कार्य तथा मीडिया अनुसंधान एवं प्रशिक्षण और व्याख्यान के माध्यम से वैचारिक नेतृत्व प्रदान करना इत्यादि कार्यों में व्यापक रूप से संलग्न रही है।

वर्तमान में, श्रीमती यादव अंग्रेजी समाचारपत्र “द स्टेट्समैन”दिल्ली में कंटेंट एडिटर एवं दक्षिण एशिया मामलों की समाचार विवेचना करने वाली वेब मैग्ज़ीन में मैनेजिंग एडिटर के रूप में कार्यरत है।

डाॅ बाॅबी लूथरा सिन्हा

March 02, 2024 | By Maati Maajra
डाॅ बाॅबी लूथरा सिन्हा

सन् 2011-2016 में डाॅ बाॅबी लूथरा सिन्हा ने स्विट्जरलैंड-स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ बेसल से पीएच.डी की डिग्री और सन् 2018-2019 में दक्षिण अफ्रीका-स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ क्वाजूलू-नताल से सोशल एंथ्रोपोलाॅजी (सामाजिक नृविज्ञान मानव), राजनीति विज्ञान और अफ्रीकी शोध-अध्ययन में पोस्ट-डाॅक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है । उनकी मुख्य विशेषज्ञता प्रमुख रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में अवलोकित की गई है : समुदाय-आधारित विकासोन्मुख  कार्य और शोध के तरीके,डाॅक्यूमेंटेशन, शिक्षण-कार्य /प्रशिक्षण,परियोजना एवं उससे संबंधित कार्यान्वयन कार्य ; तथा मानव अधिकारों , सार्वजनिक नीति, शिक्षा, लैंगिक अधिकारों , जनजातीय अधिकारों, पर्यावरण अधिकारों इत्यादि । इतना ही नहीं, उनके द्वारा भारत ,दक्षिण एशिया , अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में जन-स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर किये गये कार्यों में उनकी गहन अध्ययन एवं विशिष्टता परिलक्षित होती है। उन्हें  समुदाय-  आधारित सांगठनिक जीवन के प्रति अंतर्दृष्टि (फील्ड इमर्शन) ,मानव अधिकारों और आवास अधिकार दावा प्रक्रियाएंँ , प्रशिक्षण और मध्यस्थताओं जैसे अहम् विषयों में महारत हासिल है ।

उन्हें आपदा-प्रवृत्त एवं संवेदनशील तथा संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों के लिए समुचित तरीकों को कार्यान्वयन करने की विशेषज्ञता एवं अनुभव प्राप्त है । उनके कार्य का केंद्र-बिंदु समाज के हाशिये पर रहने वाले असुरक्षित लोगों का समाज में उचित स्थान दिलाना रहा है। इन लोगों में,  प्रमुख रूप से, महिलाएँ, बच्चे, जनजातियांँ विशेषकर असुरक्षित जनजातीय समूह सम्मिलित है। उन्होंने बहु-सांस्कृतिक संगठनों , देशों एवं भारत ,बांग्लादेश ,अर्जेंटीना , स्विट्जरलैंड ,घाना और दक्षिण अफ्रीका सरीखे देशों में विभिन्न समुदायों के उत्थान के लिए कार्य किया है। उन्होंने अंग्रेजी , स्पैनिश ,हिन्दी , पंजाबी ,उर्दू -पंजाबी एवं जर्मन भाषाओं में दक्षता हासिल की है।

मोहतरमा शीबा असलम

March 02, 2024 | By Maati Maajra
मोहतरमा शीबा असलम

मोहतरमा शीबा असलम फ़हमी ने दिल्ली क्षेत्र में बतौर पत्रकार/संपादक, लेखक, फेमिनिस्ट, शोधकर्ता, लिंग- प्रशिक्षक तथा साहित्यिक प्रेमी एवं विचारक के रूप में ख्याति प्राप्त की है। उन्होंने व्यापक रूप से सांस्कृतिक प्राधान्यों के माध्यम से –—-मसलन ; आधुनिक प्रजातांत्रिक राष्ट्र-राज्य में बोली जाने वाली भाषा, संस्कृति एवं खानपान –—-पहचान विकास के प्रति रचनात्मक दृष्टिकोण जैसे विषयों पर लेखन-कार्य किया है । उर्दू भाषा में प्रकाशित “दिन दुनिया” के संपादकीय परिवार में काम करते हुए एवं अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों की विवेचना करते हुए उन्होंने टेलीविजन टीकाकार के रूप में एक अलग पहचान बनाई है । उन्होंने मदरसा शिक्षा कार्यक्रम के आधुनिकीकरण के लिए भारत सरकार की केंद्रक एजेंसी, एनसीपीयूएल के लिए समन्वयक के रूप में कार्य किया है।

वे दिल्ली-स्थित शाहजहांनाबाद के प्राचीन शहर में गंगा-जमुनी तहज़ीब-आधारित उर्दू साहित्यिक संस्कृति प्रोन्नत करने हेतु अदबी नशिस्त  के तहत गज़ल-गायन, कविता-पाठ, मुशायरा, किताबी तब्सीरा,दास्ताँगोई एवं संगीत कार्यक्रमों का आयोजन करती रहीं है। उनके अकादमिक शोधों में तुर्की, ईरान, उज़्बेकिस्तान एवं मध्य एशिया के शेष क्षेत्रों की समृद्ध संस्कृति की गहन पैठ झलकती है । वर्तमान में, वे दिल्ली-स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सीपीएस संस्थान से “भारत में मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक आंदोलन” विषय पर डाॅक्ट्रल शोध कर रहीं है ।

डाॅ शुजात अली क़ादरी

March 02, 2024 | By Maati Maajra
डाॅ शुजात अली क़ादरी

गत 15 वर्षों से , डाॅ शुजात अली क़ादरी पत्रकारिता एवं सामुदायिक सेवा-कार्यो से संबद्ध रहे हैं । उन्होंने शैक्षणिक शिक्षा के रूप में बी.टेक एवं एम.टेक डिग्रियांँ हासिल की है । और उनका आर्टिफिशल इंटेलिजेंस विषय पर किये गये शोध कार्य सराहनीय रहे हैं । इस संदर्भ में, उन्हें पीएच.डी डिग्री से नवाजा गया । उन्हें सूचना एवं साइबर युद्ध जैसे मुद्दों की गहरी समझ है।

वे काफी अर्से से पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन- कार्य करते रहे है।वर्तमान में , वे “मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया” के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत है।

वर्तमान में, चलाई जा रही नफरत की राजनीति पर अंकुश लगाने हेतु उन्होंने डीईएफआरएसी नामक फैक्ट-चेकिंग इकाई का गठन किया।

श्री गौतम सेन

March 02, 2024 | By Maati Maajra
श्री गौतम सेन

सन् 1984 में अंग्रेजी दैनिक “द टेलीग्राफ” के प्रारंभिक प्रकाशन के साथ जुड़े श्री गौतम सेन ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत करते हुए तीन दशकों से ज्यादा समयकाल तक मीडिया-संबंधी कार्यों से संबद्ध रहे हैं। “द टेलीग्राफ” में अपने शुरुआती पत्रकारिता के दौर के पश्चात, श्री सेन अंग्रेजी दैनिक “द टाइम्स ऑफ इंडिया” में विभिन्न पदों एवं कई क्षेत्रों में 26 वर्षों तक कार्यरत रहे हैं। इस दौरान उन्होंने व्यवसाय के नए आयामों का सृजन करने के साथ-साथ —- एटीएल तथा बीटीएल—-बतौर एकाधिक कार्यक्षेत्रों के लिए नेशनल बिजनेस हेड के रूप में कार्यरत रहें हैं। उसी संस्था से, वे एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में सेवानिवृत हुए थे।

वर्तमान में, वे एक अंग्रेजी दैनिक के सलाहकार के रूप में कार्यरत है। इसके अतिरिक्त , वे कुछेक कंपनियों को मार्केटिंग-संबंधी रणनीतियों तथा संचार-संबंधी जैसे मुद्दों पर परामर्श देते है।

उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल किया था। उन्होंने भोपाल-स्थित बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी से कानून विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त किया था। वर्तमान में, वे  दिल्ली के कुछेक संस्थानों में मीडिया कानून एवं संचार के सिद्धांतों विषय पर शिक्षण-कार्य कर रहे है।