MP में बसनिया बांध शिलान्यास से आदिवासी आक्रोशित, विरोध में बांध प्रभावितों ने किया महापंचायत का ऐलान

March 06, 2024 | By Maati Maajra
MP में बसनिया बांध शिलान्यास से आदिवासी आक्रोशित, विरोध में बांध प्रभावितों ने किया महापंचायत का ऐलान

प्रभावित गांव ओढारी में सैकड़ों महिलाओं एंव पुरूषों ने नर्मदा नदी में संकल्प लिया कि हम अपनी जल-जंगल और अपनी धरती दाई को डूबने नहीं देंगे। “कोई नहीं हटेगा, बांध नहीं बनेगा” का उपस्थित लोगों ने उद्दघोष किया…

प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत, विकसित मध्यप्रदेश कार्यक्रम के अन्तर्गत 19961 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें नर्मदा नदी पर प्रस्तावित 5500 करोड़ रुपये की बसनिया, राघवपुर और अपर नर्मदा बांध सिंचाई परियोजना भी शामिल है। बसनिया बांध का शिलान्यास करने से आदिवासी आक्रोशित हैं और विरोध में बांध प्रभावितों की महापंचायत 5 मार्च को आयोजित होगी।

गौरतलब है कि मंडला और डिंडोरी जिला संविधान की पांचवी अनुसूची (आदिवासी क्षेत्र के लिए विशेष व्यवस्था) के तहत वर्गीकृत है, जहां पेसा कानून एवं नियम प्रभावशील है। परियोजना प्रभावित गांव की सभी ग्रामसभाओं ने इस परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है। इसके बाद भी परियोजना का उद्घाटन करना, आदिवासियों को पेसा नियम के तहत प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

इस शिलान्यास के विरोध में आज 29 मार्च को प्रभावित गांव ओढारी में सैकड़ों महिलाओं एंव पुरूषों ने नर्मदा नदी में संकल्प लिया कि हम अपनी जल-जंगल और अपनी धरती दाई को डूबने नहीं देंगे। “कोई नहीं हटेगा, बांध नहीं बनेगा” का उपस्थित लोगों ने उद्दघोष किया।

बसनिया (ओढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष बजारी लाल सर्वटे ने कहा कि जितनी जमीन डूब में आ रही है, उससे मात्र 2437 हेक्टेयर अधिक में सिंचाई होगा, जबकि सच्चाई यह है कि जितने रकबे में सिंचाई का दावा किया जाता है, उससे औसत 60 प्रतिशत रकबा सिंचित हो पाती है।

संगठन के उपाध्यक्ष तितरा मरावी ने बताया कि प्रदेश सरकार के हठधर्मिता के खिलाफ आगामी 5 मार्च को गांव ओढारी में बसनिया बांध प्रभावितों का विशाल महापंचायत आयोजित किया जाएगा। आज के कार्यक्रम में चिमका टोला, दरगढ, बरझड़, दुपट्टा, धनगांव, ओढारी, बिलग्रा आदि गांव के राजेन्द्र कुलस्ते, जीवन लाल सोयाम, फूलचद पट्टा, सुखलाल आर्मो, घोपत पंद्रो, महेश परस्ते, संतोष यादव, गुलबंता बाई, तेकाम, ओमती, आर्मो, जननी बाई, मरावी समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

(Source: Dalit Times)